तस्वीरों में दिख रही ये जलपरी कोई कहानी नहीं सच है, एकदम असली है । बेंगलुरु की सड़कों पर ये नजारा देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी ।
New Delhi, Oct 16 : जलपरी की कहानी में आपको भरोसा है, लीजिए आपका भरोसा ही था जो बेंगलुरु में सच हो गया । सड़क के किनारे एक मेन होल से अचानक जलपरी प्रकट हो गई । खूबसूरत सी इस लड़की का आधा शरीर इंसान का और आधा मछली का था । हरे रंग की ये कृति लोगों के लिए कौतुहल का विषय बन गई । देखते ही देखते इस आधी इंसान आधी मछली को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी ।
विरोध का एक तरीका
दरअसल इस जलपरी की सच्चाई अब हम आपको बताते हैं । बेंगलुरु में पिछले दिनों सड़क हादसों ने 4 लोगों की जान ले ली । लोगों में इस बात को लेकर भारी गुस्सा है । ऐसा ही गुस्सा एक आर्टिस्ट ने अपनी कला के जरिए जताने की कोशिश की थी । शहर की बदहाल सड़कों के खिलाफ एक आर्टिस्ट ने एक मॉडल को ‘जलपरी’ के रूप में वहां बैठाया था ।
बादल ननजुंदास्वामी की थी आर्ट के जरिए प्रोटेस्ट की सोच
जलपरी को इस तरह मेन होल पर नीले पानी के साथ बैठाने की सोच म्यूरल आर्टिस्ट बादल ननजुंदास्वामी की है । जिन्होने ये पूरा माहौल क्रिएट किया और सरकार को बताने की कोशिश की कि अगर यही हाल रहा तो सड़कों पर तालाब बनते देर नहीं लगेगी । सड़के लोगों के चलने लायक बचेंगी ही नहीं ।
देखने के लिए रुके लोग, लेकिन फिर चलते बने
विरोध का ये तरीका राहगीरों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र रहा । सड़क पर खूबसूरत जलपरी को देखकर लोग रुके लेकिन असलियत देखकर वहां से चलते भी बने । लोगों ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है, सरकार के ना सुनने पर लोगों ने उन्हें अगले चुनाव में वोट ना देने तक का ऐलान कर दिया है । ऐसा बढ़ते सड़क हादसों के कारण किया जा रहा है ।
कला के जरिए विरोध का हुआ असर
आर्टिस्ट बादल की इस कारीगरी और लोगों के विरोध के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और फौरन इस जगह को ठीक कर दिया गया । आपको बता दें सड़क हादसों की वजह लोगों की लापरवाही से ज्यादा सड़क पर बने ये गड्ढे बनते जा रहे हैं । आए दिन छोटे-मोटे हादसे इन गड्ढों पर हो ही रहे हैं और कभी-कभी ये छोटे हादसे भी किसी के लिए जानलेवा हो जाते हैं ।
बेंगलुरी की सड़कों पर 16 हजार के लगभग गड्ढे
लोगों में इन मौतों को लेकर इस कदर रोष है कि विरोध में पूरे शहर के गड्ढों की संख्या तक सामने आ गई । शहर में फिलहाल 15,935 गड्ढे बताए जा रहे हैं जिनमें से 3200 उन सड़कों पर हैं जो मुख्य मार्ग हैं । इसके खिलाफ लोगों ने साइलेंट मार्च निकाला है साथ ही सोशल मीडिया पर कैंपेन भी जोरों से चलाया जा रहा है । पूरे शहर के लोग एकजुट हो रहे हैं ।
सीएम और अफसरों को किया जा रहा है टैग
लोग अपने-अपने इलाकों और मुख्य मार्गों में स्थित गड्ढों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं और प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ संबंधित अधिकारियों को भी टैग कर रहे हैं । सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर काम ठीक से करने का दबाव बनाया जा रहा है । जाहिर है, सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर सरकारी तंत्र का ऐसा इस्तेमाल एक अच्छा आइडिया साबित हो रहा है ।
सोशल मीडिया पर आ रहे हैं ऐसे संदेश
सड़क पर गड्ढों के चलते हुई मौतों पर लोगों ने सरकार को 15 दिन का समय दिया है । 25 अक्टूबर तक सरकार को प्रदेश के सारे गड्ढे भरने का कहा है । सोशल मीडिया पर आए कुछ संदेश इस प्रकार हैं – ‘ये हादसा नहीं, बल्कि हत्या है, सरकार पर चलाया जाए मुकदमा’ , ‘अगर खराब गड्ढों की वजह से किसी की मौत हो तो सीएम-पीडब्ल्यूडी मंत्री को जेल में डाला जाए।’
15 दिन का अल्टीमेटम
एक यूजर ने सभी शहर वासियों की ओर से लिखा है – ‘मुख्यमंत्री जी हमने आपको गड्ढे भरने के लिए 15 दिन का वक्त दिया। तीन दिन बीत चुके हैं। अब आपके पास 25 अक्टूबर तक का समय है।’ ‘ जो सीएम जनता को गड्ढा मुक्त सड़कें तक ना दे सके, उसे पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। बेंगलुरु सरकार शर्म करो।’ शहर में कई जगहों पर लोग साइलेंट मार्च निकाल रहे हैं।