इस जेल में 1200 कैदी बंद हैं, यहां की बिरयानी, रोटी, बेकरी आयटम, चिप्स, लड्डू समेत दूसरे प्रोडक्टों की भी खूब मांग है।
New Delhi, Jan 29 : जेल का खाना आमतौर पर अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन इस धारणा को अब केरल की कनूर सेंट्रल जेल बदल रही है, वहां सजा काट रहे लोगों को उनका हुनर निखारकर सुधारा जा रहा है, आपको बता दें कि इस जेल में 1200 कैदी बंद हैं, यहां की बिरयानी, रोटी, बेकरी आयटम, चिप्स, लड्डू समेत दूसरे प्रोडक्टों की भी खूब मांग है। इन जेल के आउटलेट्स से महीने का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का है, कनूर के अलावा विजयुर और पूजापुरा जेल में भी कारोबार चलता है, यहां काम करने वाले कैदियों को 200 रुपये रोजाना मिलते हैं।
जेल की रोटी बाजार में बेचने का प्रोजेक्ट
आपको बता दें कि साल 2012 में एक प्रोजेक्ट के तौर पर काम शुरु किया गया, कि जेल में बनी रोटी को बाजार में बेचा जाए, ये उनका आइडिया हिट रहा, क्योंकि जेल में बंद कैदी बहुत अच्छा खाना बनाते हैं, उनके द्वारा बनाई गई रोटी, बिरयानी के साथ-साथ दूसरे आइटमों की बाजार में काफी तेजी से मांग बढ रही है।
छवि बदलने की मुहिम
साल 2009 में केरल के जेल में कैदियों के अवैध गतिविधियों के बाद छापा मारा गया था, जिसमें कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए थे, इसके बाद जेल प्रशासन ने छवि बदलने की मुहिम शुरु की, जो कैदी खाना बनाना जानते थे, उन्हें रसोई में ड्यूटी पर लगाया गया, बेकरी का काम जानने वालों को बिस्किट से लेकर ब्रेड बनाने तक का काम सौंपा गया।
शुरुआत में जेल में ही खपत
शुरु के कुछ महीनों में इन कैदियों द्वारा तैयार किये गये सामानों की खपत जेल में ही होती थी, फिर साल 2012 में पहली बार जेल की रोटी को बाजार में बेचने का काम शुरु किया गया, धीरे-धीरे इसकी मांग बढती गई, जिसके बाद जेल में रोटी बनाने के लिये मशीन भी लगवाई गई।
सस्ता खाना
केरल के जेल में बने खाने की चीजों को फ्रीडम फूड ब्रांड नाम से बाजार में बेचा जाता है, सस्ते होने की वजह से जेल में बनी बिरयानी, रोटी से लेकर एग करी तक की बाजार में अच्छी-खासी डिमांड है, पिछले 6 सालों में इन उत्पादों से स्थानीय सरकार को 8.5 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। करीब तीन करोड़ रुपये तो बीते साल ही सरकार ने कमाये हैं।
साफ-सफाई का खास ध्यान
जेल में तैयार होने वाले खाने में साफ-सफाई का खास ध्यान रखते हैं, खाना तैयार करने के बाद उन्हें अच्छे तरीके से पैक किया जाता है, फिर उसे बाजार में उतारा जाता है, बाजार कीमत से कुछ कम में मिलने और स्वाद में घर जैसा होने की वजह से बाजार में ये काफी लोकप्रिय हो गया है।
श्रीलंकाई कैदियों के साथ क्रिकेट
केरल जेल प्रशासन कैदियों के मनोरंजन का पूरा ख्याल रखती है, उन्हें क्रिकेट खेलने से लेकर अन्य गतिविधियों में भी भाग लेने का पूरा मौका दिया जाता है, नये साल के मौके पर श्रीलंका के कैदियों की टीम को बुलाकर टी-20 मैच का आयोजन करवाया गया था।
पांच जेल मिलाकर एक टीम
क्रिकेट टीम में केरल के पांच जेलों को मिलाकर खिलाड़ियों की एक टीम बनाई गई थी, जिसके बाद दोनों टीमों के बीच मुकाबला करवाया गया। केरल के कैदियों और श्रीलंका के कैदियों के बीच क्रिकेट मैच की अच्छी खासी चर्चा हो रही है, लोग इसकी तारीफ कर रहे हैं।
कमाई में तिहाड़ जेल आगे
भले कनूर जेल का सलाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा पहुंच गया हो, लेकिन जेल में कमाई के मामले में अभी सबसे आगे दिल्ली की तिहाड़ जेल है, उसके उत्पाद टीजे ब्रांड नाम से बाजार में बिकते हैं, आपको बता दें कि सलाना तिहाड़ जेल का टर्नओवर करीब 40 करोड़ है, जिसमें करीब 15 करोड़ की कमाई होती है।