प्यार को पाने के लिए जर्मनी की एक लड़की सब कुछ छोड़कर भारत आ गई और अपने प्रेमी के साथ शादी करने का फैसला लिया ।
New Delhi, Oct 27 : ईश्वर की इबादत है प्यार, सच्चे दिल की दास्तान है प्यार । भगवान का बनाया सबसे पवित्र एहसास है प्यार । जिसे सच्चा प्यार हो जाए फिर वो किसी की नहीं सुनता । इश्क की हवाओं में वो ऐसा खोता है कि उसे दुनिया की कोई ताकत वापस नहीं ला पाती । प्यार और रोमांस की कई कहानियां फिल्मों में देखी हैं, किताबों में पढ़ी हैं । असल जिंदगी में भी कई ऐसे जोड़े होते हैं जो एक दूसरे बेइंतहा मोहब्बत करते हैं । शादी करने के लिए, एक दूसरे पर मर-मिटने को तैयार होते हैं ।
प्यार, इश्क मोहब्बत पर बनी कई फिल्में
फिल्मों में दिखाया जाता है कि जब दो लोगों को आपस में प्यार होता है तो वो एक दूजे को पाने के लिए हर हद को पार कर जाते हैं । उन पर प्यार का नशा चढ़ता है तो दोस्त, परिवार किसी की नहीं सुनते । बस अपने प्रेमी या प्रेमिका को पाने की चाहत होती है जिसे पूरा करने के लिए वो कुछ भी कर जाते हैं । फिल्मों में प्यार के इर्द गिर्द बुने ताने-बाने को दर्शक भी उसमें डूबकर देखते हैं । लेकिन फिल्मों की ये कहानी अगर असल जिंदगी में सच हो जाए तो ।
देसी छोरा और विदेशी मेम की लव स्टोरी
देसी छोरा और जर्मनी की गोरी को एक दूसरे से इस कदर प्यार हुआ कि वो एक दूसरे में खो गए, और शादी का फैसला कर लिया । अलग-अलग संस्कृति, परंपराओं, बोली, विचारों के दो लोग एक दूसरे में इतना खो गए कि देश की सीमाएं भी उन्हें रोक नहीं सकीं । किताबों में ऐसे किरदार खूब पढ़ने को मिले होंगे, फिल्मों में ऐसी लव स्टोरी को आपने 5 स्टार दिए होंगे लेकिन असल जिंदगी की इस कहानी को सुनकर आपका प्यार में विश्वास और बढ़ जाएगा ।
पहले दोस्ती फिर हुआ प्यार
ये कहानी है अरविंद और मारिया हाफमैन की । यूपी के शामली जिले में रहने वाले अरविंद को जर्मनी की मारिया से प्यार हो गया । अरविंद मरचेंट नेवी में काम करते हैं और काम के सिलसिले में ही वो 2 साल पहले जर्मनी गए थे । वहीं उनकी मुलाकात मारिया से हुई । दोनों में पहले दोस्ती हुई फिर आपसी समझ बढ़ी, एक दूसरे के लिए चाहत प्यार में बदल गई और दोनों ने साथ रहने के लिए शादी करने का फैसला कर लिया ।
दोनों के परिवारों ने शादी के लिए भरी हामी
एक साल पहले अरविंद ने मरर्चेंट नेवी की जॉब छोड़कर और पढ़ाई करने का फैसला किया । अरविंद ने उच्च शिक्षा के लिए एडमिशन ले लिया । इसी बीच मारिया भी भारत आ गईं । अरविंद और मारिया की प्रेम कहानी यूं ही चलती रही । जब साथ रहने का फैसला किया तो मारिया का पूरा परिवार अरविंद के घर पहुंचा और दोनों परिवारों की रजामंदी के साथ दोनों के रिश्ते पर मुहर लगाने का निर्णय लिया गया ।
21 अक्टूबर को हिंदू रीति रिवाजों से हुई शादी
इसी साल 21 अक्टूबर को दोनों शादी के बंधन में बंध गए । अरविंद और मारिया की इस शादी में दोनों परिवारों के सभी लोग शामिल हुए । परिवार के लिए दीवाली के बाद ये दूसरी दिवाली मनाने जैसा था । शामली गांव के लोगों ने भी इस शादी में शरीक होकर विदेशी बहू को आशीर्वाद दिया और नए जीवन के लिए शुभकामनाएं दी । अरविंद और मान्यता ने शादी को रजिस्टर कराने के लिए कोर्ट में अप्लाई किया है ।
मारिया को पसंद आयी थी भारत की दिवाली
इस अनोखी शादी की खबर मीडिया में पहुंची तो इस शादी को कवर भी किया गया । जर्मनी की मारिया से जब ये पूछा गया कि उन्हें यूपी के अरविंद क्यों अच्छे लगे तो उन्होने कहा कि वो अरविंद की सादगी से इंप्रेस हुईं । अरविंद में उन्होने एक ऐसा जीवनसाथी देखा जो उनका साथ कभी नहीं छोड़ेगा । मारिया ने कहा कि उन्हें दिवाली का त्यौहार बहुत पसंद आया ।
शामली में शादी की खुशी
शामली में मारिया कोई पहली विदेशी बहू नहीं है । इस इलाके में कई दूसरे जोड़े भी है जिसमं बहुए विदेशी हैं । फिलहाल इस शादी की चर्चा पूरे शामली में है और विदेशी बहू के स्वागत में पूरा जिला लगा हुआ है । मारिया को भी अरविंद और उनका पूरा परिवार बेहद पसंद आया । वो भारत की बहू बनकर बेहद खुश हैं और नए परिवार के साथ तालमेल बैठाने की पूरी कोशिश कर रहा है ।
अरविंद के परिवार में आकर खुश हैं मारिया
अरविंद और मारिया की ये लव स्टोरी फेयरी टेल सी लगती है । लेकिन इनकी कहानी कई प्रेमी जोड़ों के लिए प्रेरणा से कम नहीं । प्यार की कोई सीमा नहीं होती, बंधन नहीं होता ये इन दोनों ने साबित कर दिया । जर्मनी की मारिया शामली की बहू बनकर बहुत खुश है और वो भारत में ही रहना चाहती है । दोनों की शादी को अब कोर्ट की मुहर का इंतजार है ।