धन धान्य की देवी मां लक्ष्मी की इस दिवाली पूजा करें लेकिन इन मंत्रों के साथ । आपके सभी कार्य लक्ष्मी जी की कृपा से जरूर पूरे हो जाएंगे ।
New Delhi, Oct 18 : दिवाली पूजा के दिन परिवार के सभी लोग इकठ्ठे होकर मां लक्ष्मी का आहवाहन करते हैं । एक साथ माता की आरती गाते हैं और प्रार्थना करते हैं कि घर पर पूरे वर्ष भर देवताओं की कृपा रहे । परिवार के सभी जन निरोगी रहें और घर में धन-धान्य की कोई कमी ना हो । माता को पूजा के दौरान भोग लगाया जाता है इसके बाद पूरे घर को रौशनी से सजाया जाता है । दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा कुछ विशेष मंत्रों के साथ करने से आपकी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं । आगे जानें वो 10 मंत्र कौन से हैं ।
मंत्रों के जाप से मिलेगी विशेष ऊर्जा, जाप के नियम
मंत्र बताने से पहले हम आपको बता दें इन मंत्रों का जाप परिवार का कोई भी सदस्य कर सकता है । मंत्र का जाप 108 बार जरूर करें । जाप गिनने के लिए या तो माला का प्रयोग करें या कमल के बीजों का उपयोग करें । मंत्रों का जाप पूजा के बाद मंदिर के सम्मुख बैठकर ही करें । जाप के समय एकाग्र रहें और ध्यान ना भटकाएं । आगे जाने 10 विशेष मंत्र ।
प्रथम लक्ष्मी बीज मंत्र
”श्रीं” : इस लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं । ये माता को प्रसन्न करने का मूल मंत्र है । शास्त्रों के अनुसार ये एक परावर्तन शब्द की तरह है, जो एक दिशा से ऊर्जा को दूसरी दिशा में स्थानांतरित कर देता है । इसी प्रकार क्लीम, ह्रीं जैसे शब्द भी परावर्तन शब्द हैं । लेकिन इन सबमें मां के बीज मंत्र को सबसे शक्तिशाली बताया गया है ।
द्वितीय लक्ष्मी बीज मंत्र
॥ ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥ : पहला बीज मंत्र जहां एक शब्द मात्र है वहीं ये दूसरा बीज मंत्र पूर्ण है । इसे आप अलग से जाप करने की बजाय पूजा की शुरुआत में ही उच्चारण कर सकते हैं । इसे माता के लिए अलंकार के रूप में भी कहा जाता है । इस मंत्र के जाप से आपको मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपकी धन संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं ।
तृतीय लक्ष्मी बीज मंत्र
॥ ॐ श्रृंग श्रियै नमः॥ : इस मंत्र में माता के प्रथम बीज मंत्र ”श्रीं” का प्रयोग नहीं किया गया है । यही इस मंत्र की विशेषता है । इस मंत्र के जाप से मनुष्य को वैभव की प्राप्ति होती है ।
इन बीज मंत्रों के अलावा माता के कुछ और मंत्र भी हैं, दिवाली पर इनका जाप करना लाभकर होता है । आगे जानें माता के 7 और मंत्र जो आपके दुखों को दूर करेंगे ।
ये रहे कुछ और लक्ष्मी मंत्र –
॥ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ॥
इस मंत्र का जाप ऑफिस या ऐसी जगह जहां आप काम करते हैं, छोड़ने से पहले करना चाहिए । इससे आपकी चिंताएं दूर होती हैं और आप दूसरे कार्य के लिए उत्साह से काम करते हैं ।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।
महा लक्ष्मी मंत्र
॥ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ॥ हे देवी महा लक्ष्मी, कृपया सभी बुराइयों को नष्ट करें और हमें एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य का आशीर्वाद दें।
महा लक्ष्मी मंत्र (तांत्रिक)
॥ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ ॥
यह एक शक्तिशाली मंत्र है जिसे महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जाप किया जाना चाहिए।
लक्ष्मी नरसिंह मंत्र
॥ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः ॥ ॥ ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ॥ : शास्त्रों में कहा गया है इस मंत्र का जाप दंपति को साथ में करना चाहिए । संतान और आयुष की प्राप्ति होती है ।
एकदशक्ष सिद्ध लक्ष्मी मंत्र
॥ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिध्द लक्ष्म्यै नमः ॥ : इस मंत्र का जप उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मां लक्ष्मी से सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं । आंतरिक रूप से बेहद मजूबत बनाता है ये मंत्र ।
श्री दक्षिण लक्ष्मी स्त्रोतम –
मां लक्ष्मी के श्री दक्षिण लक्ष्मी स्त्रोतमका जप करने से देवी स्वयं उस घर में निवास करती हैं और सदस्यों पर विशेष कृपा बरसाती हैं । ये इस प्रकार है –
”त्रिलोक्य पूजिथे देवी कमल, विष्णु वल्लभे, यया थवम् अचला कृष्णे थाथाभव मयी स्थिरा. कमल चञ्चल लक्ष्मी चला भूथिर हरि प्रिय,पद्म पद्मालया सम्यक उचै श्री पद्म धारिणी,ड्वदसैथनि नामानि लक्ष्मी संप्पोज्य य पदेतः,स्थिरा लक्ष्मीर भवेद थस्य पुत्र धर अभि सह,इथि श्री दक्षिणा लक्ष्मी स्तोत्रं संपूर्णं.”