इस उंगली में पहनें ये वाला रत्‍न, आपका बुरे से बुरा समय भी अच्‍छे में बदल जाएगा

नीलम, पन्‍ना, हीरा, मोती ये सभी रत्‍न किसी ना किसी विशेष परिस्थिति में पहनने से आपको इनका लाभ मिलता है और आपके जीवन से जुड़ी सारी मुश्किलें दूर हो जाती है ।

New Delhi, Jan 16 : मनुष्‍य का बुरा समय उयसके पूर्व जन्‍म के कर्मों का फल माना जाता है, इस फल को इस जन्‍म के सद्कर्मों से बदला भी जा सकता है । कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की दशा और दिशा दोनों को संतुलित और सकारात्‍मक बनाए रखने के लिए ज्‍योतिष शास्‍त्र कुछ विशेष रत्‍न पहनने की सलाह देता है । नीलम, पन्‍ना, हीरा, मोती ये सभी रत्‍न किसी ना किसी विशेष परिस्थिति में पहनने से आपको इनका लाभ मिलता है और आपके जीवन से जुड़ी सारी मुश्किलें दूर हो जाती है । ये रत्‍न ग्रहों के अशुभ फल के अनुसार, राशिनुसार और सही उंगली में पहनने आवश्‍यक होते हैं । आगे जानिए रत्‍नों से जुड़ी ये विशेष जानकारी ।

सूर्य का अशुभ प्रभाव
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ हों उन्‍हें रोजगार संबंधी परेशानियां आती हैं । सूर्य के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रविवार को सूर्य भगवान की पूजा करने की सलाह दी जाती है । रविवार का व्रत इन लोगों के लिए रखना लाभकारी होता है । आत रत्‍नों की करें तो सूर्य के बुरे प्रभाव को खत्‍म करने के लिए माणिक्‍य धारण करने की सलाह दी जाती है । ऐसे लोगों को रविवार के दिन रिंग फिंगर यानी अनामिका उंगली में माणिक्य को धारण करना चाहिए । माणिक्‍य धारण करने के लिए सूर्योदय का समय सबसे उत्तम है।

चंद्रमा का अशुभ प्रभाव
चंद्रमा मंन की शांति के लिए बहुत जरूरी है । इसका अशुभ प्रभाव जीवन में सब कुछ उथल पुथल कर सकता है । ये व्‍यक्ति को मानसिक तौर  पर बीमार बना सकता है, तनाव का शिकार कर सकता है । जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो उन्‍हें चांदी में मोती पहनने की सलाह दी जाती है । ऐसे व्‍यक्ति किसी भी सोमवार को ये रन्त्‍न धारण कर सकते हैं । मोती की अंगूठी अपनी सबसे छोटी उंगली में धारण करें । आप इसे बाएं या दाएं किसी भी हाथ में धारण कर सकते हैं ।

मंगल का अशुभ प्रभाव
ऐसे लोग जिनकी कुंडली में मंगल का अशुभ प्रभाव हो उन्‍हें नेत्र रोग, रक्‍त विकार, वात रोग के साथ परिवार से मतभेद एण्‍ेलना पड़ सकता है । मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए ज्‍योतिष के जानकार मूंगा पहनने की सलाह देते हैं । मूंगा पहनने के लिए मंगलवार की शाम उपयुकत समय हे । आपको रिंग फिंगर में मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है ।

बुध का अशुभ प्रभाव
कुंडली में बुध का अशुभ प्रभाव हो तो स्‍वासयि और व्‍यापार से जुड़ी समस्‍याएं हो सकती हैं । बुध का अशुभ प्रभाव आपके सूंघने की शक्ति को कम कर देता है , ये आपके दांतों को कमजोर कर देता है । बुध कमजोर होने पर पन्‍ना रत्‍न पहनने की सलाह दी जाती है । इसे तर्जनी उंगली में धारण करें । इसके लिए उपयुक्‍त समय बुधवार को दोपहर 12 से 2 बजे का बताया गया है ।

बृहस्पति का अशुभ प्रभाव
कुंडली में गुरु का अशुभ प्रभाव बहुत सारी मुश्किलें खड़ी कर देता है । सिर के बाल झड़ने लगते हैं । परिवार मतभेद शुरू हो जाते हैं, सोनाखोने या चोरी होने की घटना हो सकती है । आर्थिक नुकसान, सेहत में खराबी के साथ धन का बहुत अधिक व्‍यय होने लगता है । व्‍यक्ति अपनी वाणी पर भी संयम खोने लगता है । ऐसे में पुखराज पहनना गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करता है । पुखराज अपने हाथ की तर्जन उंगली यानी इंडेक्‍स फिंगर में धारण करें ।

शुक्र का अशुभ प्रभाव
शुक्र के अशुभ प्रभाव के चलते स्किन रिलेटेड प्रॉब्‍लम शुरू हो सकती है । धन का खर्च बढ़ने और आय के साधन कम होने लगते हैं । ऐसे लोगों को मिडिल फिंगर में हीरा पहनने की सलाह दी जाती है ।
शनि का अशुभ प्रभाव – जिसकी कुंडली में शनि अशुभ है, उन्हें नीलम पहनना चाहिए। शनिवार की शाम मिडिल फिंगर में नीलम धारण कर सकते हैं। शनि का अशुभ प्रभाव व्‍यक्ति को हड्डी से जुड़ी समस्‍या दे सकता है । साथ ही शनि का दोष लग जाए तो व्‍यक्ति सुखी नहीं रह सकता ।

राहु-केतु
जिन राशियों में राहु – केतु की महादशा चल रही है उन्‍हें लहसुनिया जरूर पहनना चाहिए । लहसुनिया रत्‍न का प्रयोग चांदी की अंगूठी में किया जाता है । इसे साधे हाथ की मिडिल फिंगर में धारण करने की सलाह दी जाती है । अंगूठी पहनने के लिए सोमवार को शुभ दिन माना गया है । इस दिन किसी भी शुभ मुहूर्त में इसे धारण करने की सलाह दी जाती है । ये ध्यान रखें कि ये रत्न धारण करने के बाद आप किसी प्रकार के अधर्म कार्य में ना फंसे ।

सावधानी जरूर रखें
ग्रह-नक्षत्र-कुंडली, ज्‍योतिष शास्‍त्र इन्‍हीं पर निर्भर है । इसी के अनुसार प्रत्‍येक जीव का भूत, भविष्‍य और वर्तमान निश्चित होता है । ग्रहों की दशा, दिशा को निंयत्रण में नहीं रखा जा सकता लेकिन इनके प्रभाव को कम या अधिक करने के लिए ज्‍योतिष में कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं । इन्‍हीं में से एक उपाय बताया जाता है रत्‍न पहनने का । लेकिन रत्‍न पहनने से पहले ये जरूर जान लें कि वो आपकी राशि के अनुकूल है या नहीं, इसके लिए आप रत्‍न विशेषज्ञों से मिल सकते हैं ।