हम आपको एक शख्स सेे मिलवाते हैं, जिसकी पत्नी के साथ एक डकैत ने अत्याचार किया तो वो अपराध की दुनिया में आ गया। वो मंत्री भी बन चुका है।
New Delhi, Oct 09: आप कई खबरें देखते होंगे, पढ़ते होंगे, अक्सर दिलचस्प खबरों को देख कर आप थोड़ी देर रुकते होंगे, उसके बाद उस खबर को पूरा पढ़ते होंगे। उसी फ्लेवर की खबर हम आपके सामने लेकर आए हैं। इस खबर में एक नेता है, उसकी पत्नी है, अत्याचार है और उस नेता के क्रिमिनल बनने की कहानी है। आप भी हैरान हो गए होंगे ये पढ़कर कि इतनी सारी बातें हैं इस एक कहानी में। ये खबर है झारखंड के पूर्व मंत्री राजा पीटर की, जिनको एनआीए ने गिरफ्तार कर लिया है। राजा पर एक और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या करवाने का आरोप है। राजा की कहानी जानकर आप हैैरान हो जाएंगे।
राजा पीटर पहले टाटा स्टील में काम किया करते थे, नौकरी के बाद उन्होंने मनीषा उर्फ बेला खेस से शादी की। इसी के बाद से उनकी जिंदगी बदल गई। उनकी पत्नी के साथ कुछ ऐसी घटना हुई जिसके बाद वो अपराध की दुनिया में चले गए। राजा की पत्नी के साथ एक डकैत यूनुस से बद्तमीजी की थी। इस के बाद राजा ने बदला लेने के लिए और खुद को यूनुस से बचाने के लिए अपराध की दुनिया का सहारा लिया। डकैत यूनुस के साथी शेखर को राजा ने बुरी तरह से पीटा था। शेखर की हत्या के बाद उसका आरोप भी राजा पर लगा था। मगर कोर्ट से राजा बरी हो गया।
धीरे धीरे राजा अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया। इसी बीच एक हादसे में उसकी पत्नी की मौत हो गई। 1995 में जमशेदपुर पुलिस के क्राइम कंट्रोल ऑपरेशन में राजा पीटर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस समय तक राजा पीटर पर हत्या, आर्म्स एक्ट, धमकाने और मारपीट के कई केस दर्ज हो चुके थे। इसके बाद राजा को तड़ीपार कर दिया गया। वहां से राजा अपने पैतृक गांव पहुंचा। वहां पर आरती जायसवाल से उसने से दूसरी शादी की। इसके कुछ समय बाद राजा हर केस से बरी होते गया। अब राजा की मंजिल राजनीति थी। उसने चुनाव लड़ने का फैसला किया।
राजा पीटर ने रमेश सिंह मुंडा के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गया। रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद 2008 में राजा ने शिबू सोरेन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा। राजा पीटर ने शिबू सोरेन को हरा कर तहलका मचा दिया। 2010 में दोबारा चुनाव जीतने पर उसे उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री बनने का मौका मिला। राजा पीटर की सियासत में भी कई लोगों से नहीं बनती है। सुदेश महतो के सात उसकी जंग किसी से नहीं छिपी है। सामान्य नौकरी, फिर अपराध की दुनिया उसके बाद नेता बनने का राजा पीटर का ये सफर वाकई काफी दिलचस्प है। किसी फिल्मी कहानी की तरह है।