मिडिल ईस्ट का देश ईराक घोर संकट से गुजर रहा है, आतंकवाद ने इस देश को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है । लेकिन क्या आप जानते हैं 60 साल पहले हालात ये नहीं थे ।
New Delhi, Oct 16 : अमेरिका आज वर्ल्ड पॉवर है । लेकिन 60 साल साल पहले ये हालात नहीं थे । तब ये एक ऐसा देश था जो विकास की राह पर उस रफ्तार से दौड़ रहा था कि वर्ल्ड पॉवर बनने के काफी करीब था । हम बात कर रहे हैं ईराक की । वही देश जो आजकल आए दिन खबरों में रहता है वहां फैले आतंकवाद की वजह से । 60 साल पहले ईराक की गिनती दुनिया के पॉवरफुल देशों में होती थी, यहां प्रगति के रथ को पहिए लगे हुए थे जो तेज गति से विकास के पथ पर आगे ही बढ़ते जा रहे थे ।
1950-60 के दशक का ईराक
50 और 60 के दशक में जब बाकी देख गुलामी से आजाद होने को जूझ रहे थे या ताजा-ताजा आजादी का स्वाद चख रहे थे ऐसे समय में ईराक विकास की नई इबारत लिख रहा था । ये देश दुनिया में अपने बेहतरीन एजुकेशन सिस्टम, साइंस एंड टेक्नॉलजी और धर्म में मजबूती के लिए जाना जाता था ।
महिला अधिकारों के लिए मिसाल था ईराक
स्कर्ट में लड़कियों की ये तस्वीरें देखकर शायद आपको लगे कि ये ईराक की नहीं हो सकती लेकिन ये 50 और 60 का दशक था । तब यहां लड़कियों, महिलाओं पर कोई पाबंदी नहीं थी । हिजाब नहीं महिलाएं आधुनिक ड्रेसेज में नजर आती थीं । शिक्षा में भी महिलाओं को समान अधिकार था, तब ईराक में कोएड स्कूल भी हुआ करते थे ।
बेहतरीन एजुकेशन सिस्टम
आज आतंकवाद और कट्टरता का परिचायक बन चुका ईराक कभी दुनिया भर में शिक्षा के लिए जाना जाता था । शिक्षा के क्षेत्र में सरकार खर्च करने और कोई भी बड़ा कदम उठाने से नहीं चूकती थी । आपको हैरानी होगी ये जानकर कि 1989 तक के आंकड़ों में ईराक की जीडीपी का लगभग 6 फीसदी हिस्सा सिर्फ शिक्षा बजट के रूप में खर्च होता था ।
नहीं था आतंकवाद का नामों निशान
आज जो हालात ईराक के हैं उससे उलट 50 के दशक में ईराक में कभी कोई बम धमाके या किसी भी तरह की कोई आतंकी घटना नहीं हुई । हालात तब बदले जब ईराक पर सद्दाम हुसैन का शासन शुरू हुआ । देश में छोटे-मोटे विद्रोह शुरू हुए लेकिन तब भी लोग आपस में मिलजुलकर ही रहना पसंद करते थे । लोगों को एक दूसरे पर पूरा विश्वास था ।
ईराक में भी होते थे ब्यूटी कॉन्टेस्ट
आज के ईराक में महिलाओं के ऊपर कई तरह की पाबंदियां है लेकिन क्या आप जानते हैं 1947 से यहां ब्यूटी कॉन्टेस्ट होते रहे हैं । हर साल एक खूबसूरत ईराकी महिला को कॉन्टेस्ट के जरिए मिस ईराक के ताज से नवाजा जाता था । हालांकि, बाद में बढ़ती कट्टरता के कारण ये ब्यूटी पेजेंट्स बंद कर दिए गए । साल 2015 में एक बार फिर ब्यूटी कॉन्टेस्ट शुरू किए गए हैं । हाल ही में आयोजित हुए इस कॉन्टेस्ट में वियान अमेर नूरी ने मिस ईराक का खिताब जीता है ।
मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर और मॉर्डन लाइफस्टाइल
एक हाई क्लास कॉस्मोपॉलिटन शहर के रूप में जाना जाने वाला ईराक गल्फ वॉर में तबाह हो गया । आतंकवाद ने इसके जिस्म को छलनी कर दिया । 1990-91 से पहले ईराक इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत था । यहां के युवा बेहद मॉर्डन लाइफस्टाइल जीते थे । 1950 के दौर में बगदाद का नादी अल-अलाविया और नादी अल मंसूर पर्यटकों के बीच खासे पॉपुलर थे ।
बसरा था मिडल ईस्ट का वेनिस
ईराक के शहर बसरा की खूबसूरती इतनी थी कि इसे वेनिस ऑफ द मिडल ईस्ट के नाम से जाना जाता था । इस शहर की खूबसूरत नदियां, गोंडोला नावें और बेहतरीन नहरें पर्यटकों के लिए शानदार नजारे वाली एक सुकून दायक जगह होती थी । तब बसरा टूरिस्ट्स के लिए एक पॉपुलर हॉट-स्पॉट हुआ करती थीं । यहां सैलानियों का हर साल जमावड़ा लगा रहता था ।
हर धर्म-मजहब का होता था सम्मान
एक कट्टर मुस्लिम देश की पहचान बना चुका आज का ईराक कभी हर धर्म के लोगों का सम्मान करता था । राजधानी बगदाद हर धर्म के लोगों का घर थी । इस्लात के साथ यहां क्रिश्चियन, जुदाइस्म, यजीदी और मंडेस धर्म के लोग भी रहा करते थे । कभी ईराक में चर्च और मस्जिद एक साथ हुआ करती थीं । लेकिन वक्त बदलता रहा और अब तो इस देश के कुछ हिस्से बुरी तरह से आतंकवाद की गिरफ्त में हैं ।