अगर पुलिस FIR दर्ज करने से मना करे, तो ये हैं आपके 3 अधिकार, ऐसे होगी कार्रवाई

कई मौकों पर ऐसा होता है कि पुलिस आपकी द्वारा शिकायत के बाद भी FIR दर्ज नहीं करती। इसके बाद आपको अपने ये 3 अधिकार पता होने चाहिए।

New Delhi, Feb 06: कई लोगों की शिकायत होती है कि पुलिस को लाख कहे जाने के बाद भी FIR दर्ज नहीं की जाती। कई बार ये भी देखा गया है कि इसके लिए लोग थानों के चक्कर काटते रहते हैं। लेकिन यहां हम आपको कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। हम आपको आपके 3 अधिकार बता रहे हैं। अगर आप इन अधिकारों के बारे में जानेंगे, तो पुलिस एफआईआर दर्ज करने में कोताही नहीं करेगी।

पहले ये जान लीजिए
किसी भी अपराध से जुड़ी सूचना को पुलिस में रजिस्टर करवाना ही फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट यानी एफआईआर कहलाता है। एफआईआर दस्तावेज होता है, जो कि लिखित होता है और जिसे शिकायत मिलने के बाद पुलिस तैयार करती है। ये बात तो आप जानते ही होंगे कि ज्यादा मौकों पर शिकायत पीड़ित व्यक्ति द्वारा ही दर्ज की जाती है।

ऐसे करवाएं एफआईआर
कोई भी शख्स लिखित या फिर मौखिक तौर पर अपनी शिकायत पुलिस के पास दर्ज करवा सकता है। लेकिन कई मौके ऐसे होते हैं, जब पुलिस द्वारा एफआईआर ना लिखने की बात सामने आती है। ऐसे में अगर पुलिस एफआईआर लिखने से मना कर दे तो आपको क्या करना चाहिए ? इस बारे में हम आपको बता रहे हैं। जानिए ये खास बातें।

ये बात भी जानिए
सबसे पहले आपका ये जानना जरूरी है कि एफआईआर क्यों लिखवाई जाती है। एफआईआर को कॉग्निजेबल ऑफेंस कहा जाता है। यानी की ऐसा मौका जब पुलिस को किसी को गिरफ्तार करने के लिए वारंट की जरूरत नहीं होती। पुलिस को आरोपी व्यक्ति को अरेस्ट करके पूछताछ करने का अधिकार होता है। अगर जुर्म नॉन कॉग्निजेबल है तो इस केस में एफआईआर दर्ज नहीं होती।

अपने अधिकारों को जानिए
कोई भी पीड़ित सीधे पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी शिकायत लिखवा सकता है। इसके साथ ही पीसीआर में कॉल के जरिए भी एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है। मामले की जानकारी मिलते ही ड्यूटी ऑफिसर द्वारा SI को मौके पर भेजा जाता है। SI द्वारा गवाहों का रिकॉर्ड किया जाता है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस एफआईआर दर्ज करती है।

ऑनलाइन रजिस्टर करावाइए
अगर पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही तो आप अपनी शिकायत ऑनलाइन रजिस्टर कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने इलाके की पुलिस की वेबसाइट पर जाना होगा। अब तो दिल्ली में ई-एफआईआर ऐप के जरिए भी आप इसे दर्ज कर सकते हैं। आप इस ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल करें और कहीं से भी आप इसे दर्ज करा सकते हैं।

सीनियर ऑफिसर्स से संपर्क करें
अगर कॉग्निजेबल ऑफेंस के लिए पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है, तो पीड़ित व्यक्ति या महिला सीनियर ऑफिसर्स के संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद भी अगर एफआईआर जर्ज ना हो तो, आप  CrPC के सेक्शन 156 (3) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके तहत मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट के पास इसकी शिकायत कर सकते हैं। मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए ऑर्डर दिया जाता है।

कोर्ट के नियम जानिए
जो अधिकारी एफआईआर दर्ज नहीं करते, उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट एक्शन का ऑर्डर दे चुका है। इसके साथ ही आपका ये जानना भी जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट के ये भी ऑर्डर हैं कि FIR दर्ज होने के एक हफ्ते के अंदर फर्स्ट इन्वेस्टिगेशन कम्पलीट हो जाना चाहिए। ‌‌‌‌तो ये आपके अधिकार हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी हर हाल में होनी चाहिए।