एक नये सर्वे के अनुसार जापान में ग्रेजुएट को 25 हजार डॉलर की सलाना सैलरी मिलती है, भारत के लिहाज से देखा जाए, तो ये एक बड़ी रकम है।
New Delhi, Nov 17 : भारत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, विपक्ष भी लगातार मोदी सरकार को इस मोर्चे पर घेर रही है, लेकिन क्या आपको पता है कि एक देश ऐसा भी है, जहां पर ग्रेजुएशन करने वाले को 16 साल रुपये सलाना की सैलरी मिलती है, जी हां, ये सच है, एक नये सर्वे के अनुसार जापान में ग्रेजुएट को 25 हजार डॉलर की सलाना सैलरी मिलती है, भारत के लिहाज से देखा जाए, तो ये एक बड़ी रकम है।
सैलरी के साथ भत्ता भी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार जापान में ये तनख्वाह बेहद कम माना जाता है, इसके वजह से यहां काम करने वाली कंपनियां अपने कर्मचारियों को 1.10 लाख येन या 63 हजार रुपये प्रतिमाह का अतिरिक्त भत्ता भी देती है, इन भत्तों को ट्रांसपोर्ट अलाउंस और सब्सिडी जैसी चीजें शामिल होती है, ताकि उस कंपनी में काम कर रहा कर्मचारी आसानी से अपना जीवन यापन कर सके।
भारतीयों के लिये भी मौका
दिलचस्प बात ये है कि जापान अपने देश में भारतीयों को भी नौकरी करने का मौका दे रहा है, मोदी सरकार ने ऑन जॉब ट्रेनिंग के लिये तीन लाख भारतीय युवाओं को जापान भेजने का फैसला किया है, केन्द्र सरकार की कौशल विकास योजना के तहत भारतीय युवाओं को तीन से पांच साल के लिये जापान भेजा जाएगा, युवा वहां जाकर जापानी इंडस्ट्रीज के साथ काम करेंगे और नई तकनीक से वाकिफ होंगे।
जापान सरकार उठाएगी खर्च
अब आप सोच रहे होंगे कि तीन लाख भारतीय युवाओं को जापान भेजने और वहां पर उन्हें प्रशिक्षण देने का खर्चा कौन उठाएगा, तो आपको बता दें कि जापान सरकार चाहती है, कि भारतीय युवा वहां जाकर कंपनियों में काम सीखें, नई तकनीक के साथ-साथ वो उनके स्किल से भी वाकिफ होंगे, इसके लिये जापान सरकार इन छात्रों का पूरा खर्च उठाने को तैयार है।
भारत-जापान में समझौता
पिछले महीने कौशल विकास मंत्री ने जापान यात्रा किया था, उनकी इस यात्रा के दौरान भारत और जापान के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत टेक्निकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम को लेकर दोनों के बीच एक एमओसी पर दस्तखत भी हुए थे। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच ये समझौता पिछले महीने 17 अक्टूबर को हुआ था, इस समझौते को लेकर मोदी सरकार काफी उत्साहित है।
सरकार ने ट्वीट कर दी जानकारी
मोदी सरकार के मंत्री ने ट्विटर के जरिये जानकारी दी है कि टीआईटीपी एक महत्वाकांक्षी योजना है, इसके तहत तीन लाख भारतीय युवाओं को टेक्निकल इंटर्न के लिये तीन से पांच साल के लिये जापान भेजा जाएगा, वो वहां पर ऑन जॉब ट्रेनिंग करेंगे, इसके साथ ही उन्होने ये भी बताया है कि इन युवाओं को जापान के वित्तिय मदद से ट्रेनिंग के लिये भेजा जा रहा है, यानी छात्रों को खर्च करने की आवश्यकता नहीं है।
नौकरी भी मिलेगी
जापान जाने वाले तीन लाख भारतीय युवाओं का कार्यकाल तीन से पांच साल का होगा, ये लोग जापानी माहौल में काम करेंगे, और वहां की तकनीक सीखेंगे, जापान सरकार वहां रहने-खाने की सुविधा के साथ-साथ भारतीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी देगी। आपको बता दें कि तीन लाख में से करीब 50 हजार युवाओं के पास वहां ट्रेनिंग के बाद नौकरी का भी अवसर होगा।
कैसे होगा चयन ?
जापान की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए इन युवाओं का चयन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा, जब ये युवा जापान से लौटेंगे, तो भारतीय कंपनियों में अपना योगदान देंगे, एक आधिकारिक प्रेस रिलीज के अनुसार इस समझौते से कौशल विकास के क्षेत्र में दोनों ही देशों के बीच इस समझौते से द्विपक्षीय सहयोग का रास्ता साफ होने की उम्मीद है।
रोजगार के अवसर
2014 लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार ने देश की जनता से रोजगार के नये अवसर पैदा करने का वादा किया था, लेकिन इस मोर्चे पर सरकार को वैसी सफलता नहीं मिली है, जैसी उनसे उम्मीद की जा रही थी, विपक्ष भी लगातार सरकार को इसी मुद्दे पर घेर रही है। ऐसे में केन्द्र सरकार रोजगार बढाने के हर मौके तलाश रही है, ताकि वो देश के युवाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सके।