कॉन्डम यूज करने में अनमैरिड लड़कियां आगे, चौंकिए नहीं ये स्वास्थ्य मंत्रालय का सर्वे है

कॉन्डम यूज करने में अनमैरिड लड़कियां आगे बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ये सर्वे किया गया है। जानिए इसकी बड़ी बातें।

New Delhi, Jan 29: कॉन्डम यूज करने में अनमैरिड लड़कियां काफी सचेत होती जा रही हैं। एक सर्वे कहता है कि भारत में बड़ी संख्या में सुरक्षित संबंधों को ही तरजीह दे रही हैं। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एक सर्वे कराया गया है। नैशनल फैमिली हेल्थ का ये सर्वे 2015-16 साल के लिए किया गया था। ये सर्वे काफी कुछ खास बातें लेकर आया है।

क्या कहता है सर्वे ?
ये सर्वे कहता है कि 15 से 49 साल की अनमैरिड लड़कियां जो संबंधों में रुचि रखती हैं, उनके बीच पिछले 10 साल में कॉन्डम का इस्तेमाल 10 फीसदी तक बढ़ा है। 10 साल पहले ये 2 फीसदी था, जो अब 12 फीसदी तक पहुंच गया है। इसके साथ ही इस सर्वे में बताया गया है कि 20 से 24 साल की अविवाहित लड़कियों के बीच कॉन्डम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है।

पुरुषों के बारे में खास बात
इस सर्वे में पुरुषों के बारे में भी कुछ खास बातें बताई गई हैं। 8 में 3 पुरुषों का मानना है कि गर्भनिरोध का इस्तेमाल करना महिलाओं की जिम्मेदारी है और इससे पुरुषों का कोई लेना देना नहीं है। इस बीच एक अच्छी खबर ये भी है कि 15 से 49 साल के बीच देश की 99 फीसदी शादीशुदा महिलाओं को गर्भनिरोध के कम से कम एक तरीके के बारे में जानकारी है।

99 फीसदी लोगों को पता है राज की बात
99 प्रतिशत शादीशुदा पुरुषों को भी गर्भनिरोधक के कम से कम एक तरीके की जानकारी है। लेकिन अभी भी गर्भनिरोधक और सुरक्षित संबंधों की विस्तृत जानकारी ज्यादा लोगों को नहीं है।  देश में 15 से 49 साल के बीच की सिरिफ 10 फीसदी शादीशुदा महिलाओं को कॉन्ट्रसेप्टिव प्रिवलेंस रेट की जानकारी है। हालांकि ये एक बड़ी चिंता का विषय हो सकता है।

एक चिंता ये भी है
ये सर्वे कहता है कि बड़ी संख्या में महिलाएं अब भी गर्भनिरोध के लिए सदियों पुराने तौर तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। जैसे मासिक धर्म या संबंध-विच्छेद पर ही ये लोग निर्भर हैं। गर्भनिरोध के आधुनिक तरीके काफी ज्यादा हैं। इनमें कॉन्डम, नसबंदी, गर्भनिरोधक गोलियां और इंट्रायूट्रिन डिवाइस के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है।

नसबंदी पर एक और बड़ी बात
नैशनल फैमिली हेल्थ का ये सर्वे कहता है कि 25 से 49 साल की महिलाएं गर्भनिरोधक के तौर पर अपनी नसबंदी को प्राथमिकता देती हैं। महिलाओं की नसबंदी, देशभर में गर्भनिरोधक का सबसे प्रचलित तरीका देखा गयाहै। सर्वे के मुताबिक सिर्फ 1 फीसदी से भी कम महिलाओं ने इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव पिल के इस्तेमाल की बात स्वीकारी है।

पुरुषों को भी कॉन्डम पर भरोसा
इस सर्वे की एक और खास बात ये है कि 61 प्रतिशत पुरुषों ने कॉन्डम पर भरोसा जताया। जी हां 61 फीसदी पुरुषों का मानना है कि अगर कॉन्डम का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो ये अनचाही प्रेग्नेंसी से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा अतिरिक्त 25 फीसदी पुरुषों का कहना है कि अगर कॉन्डम का सही तरीके इस्तेमाल किया जाए तो ये कई बार प्रेग्नेंसी से सुरक्षा प्रदान करता है।