प्रेग्नेंसी के नौ महीने बेहद ही खास होते हैं । गर्भ के दौरान शिशु और मां की सेहत स्वस्थ बनी रहे इसके लिए कई तरह के उपाय बताए जाते हैं । जानें गर्भावस्था में जीरा वॉटर पीने के क्या फज्ञयदे बताए जाते हैं ।
New Delhi, Dec 03 : प्रेग्नेंसी, एक स्त्री के जीवन की यह वो अवस्था है जब वो एक साथ दो जिंदगियों की देखभाल करती है । अपनी खुद की और दूसरी अपने अंदर पलने वाली जान की । गर्भस्थ शिशु की पूरी जिम्मेदारी उसकी मां की होती है । शिशु को पोषण अपनी मां से ही मिलता है, मां जो भी खाती है, पीती है उस सबका असर बच्चे की हेल्थ पर पड़ता है । इन नौ महीनों में गर्भवती को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है । कुछ ऐसे घरेलु नुस्खे हैं जो प्राचीन समय से गर्भावस्था में इस्तेमाल किए जाते रहे हैं । ये माता और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं ।
जीरा वॉटर है सेहतमंद नुस्खा
आमतौर पर भारतीय व्यंजन में तड़के के रूप में इसतेमाल किया जाने वाला जीरा कई गुणों की खान है । फैट, प्रोटीन, फाइबर से भरपूर होने के साथ ये आयरन का बेहतरीन स्रोत है । विटामिन बी और ई इसमें प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । जीरा खाना और इसका पानी बहुत ही सेहत भरा है । खासतौर से गर्भावस्था के दौरान इसके बहुत से लाभ हैं । आगे जानिए जीरा वॉटर बनाने की विधि और इसके फायदे ।
जीरा पानी बनाने की विधि
जीरा वॉटर बनाने के लिए आपको अधिक मेहनत की आवश्यकता नहीं है । ये बेहद ही आसान से स्टेप्स में बनकर तैयार हो जाता है । एक बार बनाएं ओर फिर इसे थोड़ा-थोड़ा कर पीते रहें । इसे बनाने के लिए डेढ़ लीटर पानी लें । इसमें 3 बड़े चम्मच जीरा डालें । अब इस पानी को 5 मिनट तक उबालें । इस मिश्रण को छान लें । पानी को बातल में भर लें और इसे दिन भर में घूंट-घूंट कर पीते रहें । ध्यान रहे ये पानी आपको रोज ताजा ही बनाना है ।
एनीमिया से राहत
जीरे में आयरन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है । गर्भवस्था में गर्भवती महिला को एनीमिया की शिकायत हो जाती है । ऐसी अवस्था में जीरे का पानी बहुत फायदेमंद साबित होता है । जीरे का पानी पीने से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ जाता है । गर्भवती को चक्कर आदि की प्रॉब्लम नहीं होती । जीरे का पानी प्रेग्नेंसी में गर्भवती को रक्त की कमी से बचाता है । इसे पीने के कोई साइड इफेक्ट नहीं है । ये पूरी तरह से सेफ है ।
एसीडिटी कम करना
प्रेग्नेंसी में एक और समस्या जो महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशान करती है वो है एसिडिटी की प्रॉब्लम । तीसरे महीने के बाद से ये समस्या बढ़ने लगती है । जीरे में मौजूद तत्व एसिडिटी की प्रॉब्लम को ठीक करते हैं । गर्भावस्था के दौरान महिला के गर्भाशय, पेट और आंतो पर काफी दबाव बनता है । गर्भावस्था बढ़ने के साथ दबाव बढ़ने से एसिडिटी और गैस की प्रॉब्लम होने लगती है । जीरा वॉटर इसमें राहत देता है ।
ब्लड शुगर लेवल
जीरा वॉटर पीने से गर्भवती का ब्लड शुगर लेवल सही बना रहता है । आजकल गर्भावस्था में डायबिटीज की प्रॉब्लम आम हो गई है । इसे गेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है । गर्भवस्था के अंतिम चरण यानी डिलीवरी के बाद ये प्रॉब्लम खत्म हो जाती है लेकिन नौ महीनों में इसका असर बच्चे पर जरूर रहता है । जीरा नैचुरल रूप से ब्लड शुगर कंट्रोल करता है । इसका पानी पीना गर्भवती को इस प्रॉब्लम से दुटकारा देता है ।
कब्ज और पेट की दूसरी समस्याएं
गर्भावस्था में पेट की परेशानी महिलाओं को काफी सताती है । पेट सूखना, कब्ज की समस्या, ऐंठन, दर्द इन सब परेशानियों से महिलाएं जूझती हैं । जीरा पानी पीने से गैस की प्रॉब्लम नहीं होती और शरीर में डिहाइड्रेशन भी नहीं होता । वो महिलाएं जो गर्भावस्था में सुबह उठने के बाद कमजोरी महसूस करती हों उन्हें जीरा पानी पीना चाहिए आराम जरूर मिलेगा ।
प्रेग्नेंसी में लें विटामिन बी 12
ब्लड वेसल्स को हेल्दी रखने के लिए विटामिन बी 12 युक्त चीजों का सेवन बढ़ा देना चाहिए । डेरी प्रोडक्ट्स और नॉने वेज खाने में विटामिन बी 12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है । जो महिलाएं गर्भधारण के दौरान दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट का सेवन नहीं करतीं उनके लिए स्वस्थ रह पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है । कमजोरी और थकान की समस्या अधिक होने लगती है ।
विटामिन सी का सेवन जरूर करें
प्रेग्नेंसी के दौरान खट्टी चीजों को खाने का बहुत मन करता है । ये आपकी क्रेविंग के लिए ही नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है । खट्टी चीजों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है । विटामिन सी शरीर में आयरन को एब्जॉर्ब करने के प्रोसेस को आसान बनाता है । संतरे, अमरूद, आंवले और मौसमी का सेवन इस दौरान ठीक रहता है ।