शोले को बनाने में महज तीन करोड़ रुपये खर्च हुए थे, लेकिन 70 के दशक के लिहाज से ये फिल्म ओवर बजट थी।
New Delhi, Jan 27 : बॉलीवुड फिल्ममेकर रमेश सिप्पी को फिल्म शोले के लिये विशेषतौर से जाना जाता है, साल 1975 में इस फिल्म को बनाने में तीन करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जिसमें से करीब बीस लाख रुपये रमेश सिप्पी ने कास्टिंग पर खर्च किये थे। एक साक्षात्कार के दौरान फिल्म के निर्देशक रमेश सिप्पी ने कहा था कि वो किस्मत वाले थे कि शोले की मेकिंग के दौरान उनके पिता जी पी सिप्पी साहब उनके साथ थे, साथ ही उन्होने ये भी कहा था कि अगर आज शोले बनाते, तो इसका बजट 150 करोड़ रुपये होता, जिसमें से 100 करोड़ तो स्टारकास्ट पर ही खर्च हो गये होते।
ओवर बजट फिल्म
शोले को बनाने में महज तीन करोड़ रुपये खर्च हुए थे, लेकिन 70 के दशक के लिहाज से ये फिल्म ओवर बजट थी, इस फिल्म की खास बात ये थी कि फिल्म के कई सीन को शूट करने में काफी लंबा वक्त लगा था। तीन घंटे बीस मिनट की फिल्म को सिनेमाघरों में आते-आते करीब तीन साल का समय लग गया था, निर्देशक रमेश सिप्पा मनचाहा इफेक्ट पाने के लिये एक ही सीन को बार-बार शूट करा रहे थे, इतना ही नहीं एक सीन के लिये तो उन्होने तीन साल का इंतजार किया, फिर वो सीन शूट किया।
अमिताभ बच्चन ने किया था खुलासा
एक इंटव्यू के दौरान फिल्म में जय का किरदार निभाने वाले महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा था कि अगर आपको याद हो तो फिल्म के एक सीन में जया भादुड़ी कॉरिडोप में लैंप जलाने आती हैं, और मैं बाहर बैठकर माउथऑर्गन बजाता हूं, इस सीन को डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी सूरज ढलने के समय एक खास रोशनी में शूट करना चाहते थे, अमिताभ के अनुसार इस सीन को शूट करने के लिये रमेश सिप्पी ने करीब तीन साल का इंतजार किया, फिर ये सीन शूट किया गया।
5 मिनट के गाने में लगे थे 21 दिन
शोले फिल्म का गाना ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे…. सुपरहिट साबित हुई थी, आज भी कई खास मौकों पर लोग इसे गुनगुनाते हैं, इस गाने का ड्यूरेशन करीब 5 मिनट है, लेकिन इसे शूट करने में पूरी टीम को करीब 21 दिन का समय लगा था, तब जाकर ये गाना शूट हुआ था।
इमाम के बेटे का कत्ल सीन 19 दिन में शूट
इस फिल्म में एक सीन है, जिसमें गब्बर सिंह इमाम के बेटे को मार देता है, अनुपमा चोपड़ा की किताब शोले : द मेकिंग ऑफ क्लासिक के अनुसार इस सीन को शूट करने में करीब 19 दिन का समय लगा था। निर्देशक रमेश सिप्पी किसी भी सीन को लेकर जल्दबाजी नहीं करना चाहते थे, शायद इसी वजह से ये फिल्म इतनी शानदार बनी।
ट्रेन रॉबरी सीन
फिल्म में एक सीन है, जिसमें डाकू ट्रेन लूटने के लिये आते हैं, लेकिन जय और वीरु ठाकुर के साथ उन डाकूओं का डटकर मुकाबला करते हैं, जिसके बाद डाकू ट्रेन को छोड़कर भाग जाते हैं, इस सीन को शूट करने में करीब 7 सप्ताह का समय लगा था, तब जाकर रमेश सिप्पी ने शॉट को ओके किया था।
एक डायलॉग के लिये 40 टेक
शोले का एक-एक डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर चढा हुआ है, इस फिल्म में गब्बर एक डायलॉग बोलता है, कितने आदमी थे, इस सीन को शूट करने के लिये अमजद खान ने 40 रीटेक लिये थे। तब जाकर सीन फाइनल किया गया था, बार-बार रीटेक के बाद भी रमेश सिप्पी ने धैर्य बनाये रखा, नतीजा ये डायलॉग खूब चर्चित हुआ।
स्टार कास्ट में खर्च किये सिर्फ 20 लाख
भले 70 के दशक में रमेश सिप्पी ने तीन करोड़ रुपये फिल्म बनाने में खर्च कर दिये थे, लेकिन उन्होने कास्टिंग में सिर्फ 20 लाख रुपये खर्च किये थे। रमेश सिप्पी ने कहा था कि उस समय बहुत से लोगों को हमारे विवेक पर शक था, आज अगर आप 150 करोड़ की फिल्म बनाएंगे, तो उसमें 100 करोड़ स्टारकास्ट में ही लग जाते हैं, आज का फिल्म निर्माण व्यवसाय बिल्कुल एकतरफा हो गया है।
भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म
आपको बता दें कि शोले में संजीव कुमार, धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी, अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी और अमजद खान जैसे सितारे मुख्य भूमिका में थे, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही थी, इतना ही नहीं इस फिल्म को भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक मानी जाती है।