संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का ट्रेलर और सॉन्ग लोगों को जितना पसंद आ रहे हैं उतना ही एक खास समुदाय इसका विरोध भी कर रहा है । अब इस विरोध में बीजेपी भी शामिल हो गई है ।
New Delhi, Nov 04 : एक दिसंबर को रिलीज होनी है इस साल की सबसे बड़ी फिल्म कही जा रही पद्मावती । संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पद्मावती’ का इन दिनों प्रमोशन जोरों-शोरों से चल रहा है । फिल्म से जुड़ी छोटी-बड़ी हर बात सुर्खियां बना रही है । फिलहाल तो ये खबर में है कि फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होगी भी की नहीं । राजपूत प्रतिनिधियों का विरोध फिल्म को लेकर बढ़ता ही जा रहा है । मांग की जा रही है कि ये फिल्म पहले उन्हें दिखाई जाए फिर रिलीज की जाए ।
बीजेपी ने लिखा पत्र
राजपूत प्रतिनिधियों के विरोध को अब बीजेपी का भी साथ मिल गया है । खबर के मुताबि फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज का विरोध अब बीजेपी भी कर रही है । बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को एक चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें फिल्म की रिलीज से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात कही गई है । फिल्म को गुजरात चुनाव के बाद रिलीज करने की मांग उठी है ।
बीजेपी ने दिए हैं विकल्प
फिल्म रिलीज से राजपूत समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचने की आशंका जताई जा रही है जिसके चलते चुनाव के दौराना बीजेपी कोईरिस्क नहीं लेना चाहती । बीजेपी ने अपने खत में दो विकल्प दिए हैं, पहला तो ये कि ये फिल्म राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाई जाए । उन्हें कोई आपत्ति ना हो तो इसे रिलीज किया जाए । दूसरा विकल्प यही है कि फिल्म चुनाव के बाद रिलीज किया जाए, ताकि कोई भी तनावपूर्ण हालात ना बनें ।
बीजेपी प्रवक्ता का बयान
‘पद्मावती’ के बारे में बात करते हुए आई के जडेजा ने कहा कि – पार्टी को रानी पद्मिनी से जुड़े तथ्यों से छेड़छाड़ किए जाने की चिंता है । इसलिए फिल्म को दिखाना नहीं चाहते तो इसे पोस्पोन किया जाए । वहीं राजपूत करणी सेना अनुमान लगा रही है कि फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच इंटिमेट सीन फिल्माए गए हैं, जो इतिहास से खिलवाड़ है ।
संजय लीला भंसाली का आरोपों से इनकार
इन सब आरोपों से इतर संजय लीला भंसाली ‘पद्मावती’ रिलीज की तैयारियों में जुटे हैं । संजय के मुताबिक उनकी फिल्म में इतिहास को कोई तोड़ा-मरोड़ा नहीं गया है । फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है कि इससे किसी खास समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे । संजय फिल्म रिलीज से पहले किसी भी राजपूत प्रतिनिधि को फिल्म दिखाने के लिए तैयार नहीं है । खबर है कि चुनाव आयोग ने फिल्म की रिलीज आगे बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है ।
एक दिसंबर को चित्तौड़ बंद का आह्वाहन
फिल्म के विरोध में शुक्रवार को चित्तौड़ बंद रहा । फिल्म रिलीज की तारीख एक दिसंबर को भी शहर को बंद रखने का आह्वाहन किया गया है। निजी स्कूलों को बंद रखने के लिए कहा गया है साथ ही सभी थिएटर सिनेमाघरों को भी बंद करने का आहृवाहन किया गया है । फिल्म कों लेकर राजपूती समुदाय में बेहद गुस्सा है । उनके मुताबिक रानी पद्मावती के किरदार के साथ ऐसी छेड़छाड़ हरगिज बर्दाश्त नहीं की जा सकती ।
पद्मावती नहीं रानी पद्मिनी
फिल्म में रानी के नाम पद्मावती को लेकर भी विवाद है । कई लोगों का मानना है कि पद्मावती गलत नाम है जबकि सही नाम रानी पद्मिनी है । इसी तरह ये भी कहा गया है कि इतिहास में इस बात का कोई उल्लेख ही नहीं है कि रानी कभी खिलजी से मिली भी थीं । ऐसे कई तथ्य हैं जिनके आधार पर फिल्म का विरोध हो रहा है । आपको बता दें इस फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती के किरदार में हैं जबकि रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में हैं। फिल्म में शाहिद कपूर राजा रतन सिंह के किरदार में नजर आएंगे ।
शूटिंग के दौरान बार-बार हुए थे हमले
फिल्म बनकर तैयार है लेकिन इसकी शूटिंग को लेकर भी संजय लीला भंसाली को कई पापड़ बेलने पड़े । पहले जयपुर में फिल्म की शूटिंग केदौरान करणी सेना की ओर से सेट पर जमकर तोड़फोड़ और मारपीट की गई थी । इसके बाद कोल्हापुर में लगाए गए फिल्म के सेट को भी जला दिया गया था । संजय लीला भंसाली की ओर से बार-बार यही कहा जा रहा है कि फिल्म को लेकर बनाई जा रही ये राय गलत है ।
सीएम से लेकर सेंसर बोर्ड तक पहुंचे राजपूत प्रतिनिधि
सामाजिक संगठन अखंड राजपूताना सेवासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर पी सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को ही एक प्रतिनिधमंडल ने सेंसर बोर्ड केसीईओ अनुराग श्रीवास्तव से मुलाकात की है । फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर अपना विरोध पत्र सौंपा । इससे पहले सेवासंघ के प्रतिनिधमंडल ने गुरुवार को फिल्म प्रोडक्शन हाउस की सीईओ शोभा संत और उनके सहयोगी सहायक निर्देशक चेतन के साथ मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था ।